केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर: पेंशन योजना का नया नोटिफिकेशन जारी, 1 अप्रैल से भरना होगा फॉर्म

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर: पेंशन योजना का नया नोटिफिकेशन जारी, 1 अप्रैल से भरना होगा फॉर्म

पेंशन कोष नियामक पीएफआरडीए ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की अधिसूचना जारी कर दी है जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इसके तहत केंद्र सरकार के एनपीएस कर्मचारियों को अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। कर्मचारी यूपीएस और एनपीएस में से किसी एक को चुन सकते हैं। सरकार 18.5% योगदान देगी जबकि कर्मचारी 10% योगदान करेंगे।

 

पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने गुरुवार को एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को अमल में लाने वाली अधिसूचना जारी कर दी।

योजना के तहत सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि को सुनिश्चित पेंशन के तौर पर देने का प्रविधान है। यह अधिसूचना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत आने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा 24 जनवरी, 2025 को जारी यूपीएस अधिसूचना का अनुसरण करती है।

यूपीएस के नियम 1 अप्रैल से लागू

पीएफआरडीए ने बयान में कहा कि यूपीएस से संबंधित नियम एक अप्रैल, 2025 से लागू हो जाएंगे। ये नियम एक अप्रैल, 2025 तक सेवा में मौजूदा केंद्र सरकार के एनपीएस में आने वाले कर्मचारी और केंद्र सरकार की सेवाओं में अप्रैल, 2025 को या उसके बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों समेत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के नामांकन को सक्षम करते हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की इन सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फार्म एक अप्रैल, 2025 से प्रोटीन सीआरए की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।

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कर्मचारियों के पास फार्म को भौतिक रूप से जमा करने का विकल्प भी है। अधिसूचना के मुताबिक, कर्मचारी को सेवा से हटाए जाने या बर्खास्त किए जाने या इस्तीफे के मामले में यूपीएस या सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्ण सुनिश्चित भुगतान की दर 25 वर्षों की न्यूनतम योग्यता सेवा के अधीन और सेवानिवृत्ति से तुरंत पहले 12 मासिक औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत होगी।

 

यूपीएस और एनपीएस चुनने का मिलेगा विकल्प

अधिसूचना से 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने का विकल्प मिलेगा। एनपीएस एक जनवरी, 2004 को लागू हुआ था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को यूपीएस लाने को मंजूरी दी थी। जनवरी, 2004 से पहले प्रभावी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत कर्मचारियों को उनके कार्यकाल के अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था।

ओपीएस के उलट यूपीएस अंशदायी प्रकृति की है। इसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा, जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा। हालांकि, अंतिम भुगतान उस कोष पर मिलने वाले बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी बॉन्ड में निवेश किया जाता है।

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