स्कूल में बच्चों ने नहीं पहनी ड्रेस तो पंचायत सचिव ने की ‘गलत हरकत’, वायरल हुआ वीडियो तो मचा बवाल
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुछ छात्रों के परिजन और यूपी बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी स्कूल पहुंचे। परिजनों से आरोपी पंचायत सचिव के खिलाफ एक्शन की मांग की है।
सरकार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए मिड-डे मील सहित कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं लेकिन कई बार अधिकारियों का व्यवहार सकारात्मक प्रयासों पर पानी फेर देते हैं। ताजा मामला सामने आया यूपी के आगरा से, जहां एक ग्राम पंचायत सचिव ने कथित तौर पर एक प्राइमरी स्कूल के बच्चों को यूनिफॉर्म न पहनने पर ‘मुर्गा’ बना दिया।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्राम पंचायत सचिव ने छात्रों से उठक-बैठक भी लगवाई और उन्हें एक घंटे तक हाथ ऊपर करके खड़ा रहने के लिए मजबूर किया। रिपोर्ट के अनुसार, आगरा के खैरागढ़ प्रखंड के बिश्रामपुर गांव के स्कूल में एक दर्जन से ज्यादा स्टूडेंट्स के साथ यह अत्याचार एक घंटे तक जारी रहा। कुछ छात्रों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत सचिव ने उन्हें डंडे से भी पीटा।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद कुछ छात्रों के परिजन और यूपी बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारी स्कूल पहुंचे। ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर दीपक कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मैं उन सभी छात्रों से बात की है, जिन्हें सजा दी गई थी। वायरल वीडियो में जो दिखाई दे रहा है, उन्होंने उसकी पुष्टि की है। स्कूल में पंचायत सचिव सुशील चाहर ने जो किया, वह बच्चों के साथ अपराध की श्रेणी में आता है। मैंने सिफारिश की है कि उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए।
स्कूल जाकर निरीक्षण कर सकता है ग्राम पंचायत सचिव?
दीपक कुमार ने आगे कहा कि ग्रामीणों ने भी चाहर के बारे में शिकायत की है कि वो रजिस्टर में परिवार के नए सदस्यों के नाम जोड़ने के लिए रिश्वत लेता है। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के सदस्यों के नाम रजिस्टर करवाना जरूरी है।
खैरागढ़ की BDO सुष्मिता यादव ने कहा कि पंचायत सचिव को स्कूलों का निरीक्षण करने का अधिकार नहीं है। यह बेसिक शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है। खैरागढ़ के SDM संदीप यादव ने कहा कि हमने घटना का संज्ञान लिया है और संबंधित विभाग से एक रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद हम निश्चित ही सेक्रेटरी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे। द इंडियन एक्सप्रेस ने जब पंचायत सचिव को उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया तो उन्होंने कॉल नहीं उठाई।