शिक्षा विभाग में घोटाला: 15 अफसर और शिक्षिकाएं घेरे मे फर्जी नियुक्ति की गई

शिक्षा विभाग में घोटाला: 15 अफसर और शिक्षिकाएं घेरे मे फर्जी नियुक्ति की गई

‎उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ ज़िले के महराजगंज ब्लॉक में स्थित श्रीमती परमादेवी बालिका जूनियर हाईस्कूल में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति अवैध तरीके से की गई थी। इस घोटाले में स्कूल प्रबंधक और शिक्षा विभाग के कई अधिकारी भी शामिल पाए गए।

‎वर्ष 2021 में प्रबंधक की मिलीभगत से पांच शिक्षिकाओं की फर्जी नियुक्ति की गई। जब शासन स्तर पर शिकायत पहुंची, तो 2022 में जांच शुरू हुई। जांच की जिम्मेदारी आज़मगढ़ मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) को दी गई। जांच में आरोप सही पाए गए।

‎मार्च 2025 में बीएसए राजीव पाठक ने पांच शिक्षिकाओं, स्कूल प्रबंधक और एडी बेसिक पर मुकदमा दर्ज कराया। इसके साथ ही शिक्षिकाओं के स्कूल जाने पर रोक भी लगा दी गई।

‎इसी बीच, शिक्षिकाओं ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। अदालत ने रोक के आदेश पर स्थगन जारी किया, यानी फिलहाल शिक्षिकाओं को राहत मिल गई।

‎लेकिन शासन ने यह माना कि कई अफसरों को समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए थी, पर उन्होंने लापरवाही की। इसी वजह से अब निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने कड़ा कदम उठाते हुए 15 लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

‎कार्रवाई की जद में सहायक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार मिश्र, बीएसए राजीव पाठक, पूर्व बीएसए समीर अजय कुमार, तत्कालीन बीएसए सुरेंद्र प्रसाद, तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी वर्णलाल, वरिष्ठ सहायक रमेश यादव समेत 15 लोग शामिल हैं।

‎वहीं, फर्जी नियुक्ति की आरोपी शिक्षिकाएं नमिता जायसवाल, चंदा शुक्ला, उर्मिला यादव, वंदना यादव और सुमन यादव के साथ प्रबंधक जयकिशन लाल गुप्ता पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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