UP Monsoon Session 2025: स्कूलों के विलय के बाद होगा ये बदलाव, बेसिक शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में क्या-क्या बताया?

UP Monsoon Session 2025: स्कूलों के विलय के बाद होगा ये बदलाव, बेसिक शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में क्या-क्या बताया?

‎उन्होंने बताया कि बच्चों की प्रवेश की आयु चार वर्ष करना संभव नहीं, शिक्षा के अधिकार के प्रविधान इसकी अनुमति नहीं देते हैं। तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी में पढ़ाई व पोषण की व्यवस्था पहले से है। वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों में 1.05 करोड़ बच्चे नामांकित हैं। इनमें 3,38,590 शिक्षक और 1,43,450 शिक्षामित्र तैनात हैं।

‎सपा के पंकज पटेल, अनिल प्रधान व प्रभु नारायण सिंह के प्रश्न पर संदीप ने कहा कि विपक्ष ने मर्जर व्यवस्था का पूरी तरह राजनीतिकरण कर आमजन को गुमराह किया है, जबकि सच्चाई यह है कि सरकार ने शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं।

‎मंत्री ने सदन में बताया कि वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में कुल नामांकित छात्रों की संख्या लगभग 1.48 करोड़ से अधिक है। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की कुल संख्या 6.28 लाख से अधिक है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 43,01,483 बच्चों को पढ़ाने के लिए 1,20,860 शिक्षक और 25,223 अनुदेशक हैं।

‎प्राथमिक शिक्षा में छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 और उच्च प्राथमिक शिक्षा में 35:1 का अनुपात है। यह पूरी तरह संतुलित है और इसे बनाए रखने की कार्रवाई जारी रहेगी। स्कूल बंद करने के आरोपों को खारिज करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने एक भी विद्यालय बंद करने का निर्णय नहीं लिया है। सभी परिषदीय विद्यालय बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित हो रहे हैं।

‎स्कूल मर्जर पर मंत्री ने बताया कि एक किमी के दायरे और 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की ही पेयरिंग की गई है। इन स्कूलों को संसाधनयुक्त विद्यालयों में समाहित किया गया है, ताकि बच्चों को बेहतर सुविधा और निकटतम स्कूल की पहुंच मिले। खाली विद्यालयों में आइसीडीएस विभाग के साथ मिलकर प्री-प्राइमरी यानी प्ले स्कूल और नर्सरी कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

‎अब तक तीन हजार से अधिक विद्यालय आइसीडीएस के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं और इनके लिए 19,484 संविदा पर नियुक्ति की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए माडल कंपोजिट विद्यालय बनाए जा रहे हैं। 30 करोड़ रुपये की लागत से प्रत्येक विद्यालय का निर्माण होगा और हर जनपद में दो विद्यालय बनाए जाएंगे।

‎शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं

‎बेसिक शिक्षा मंत्री ने नौगांव सादात के सपा विधायक समरपाल सिंह के प्रश्न पर स्पष्ट कहा कि फिलहाल शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। उन्होंने बताया कि पहले शिक्षामित्रों को 3500 मानदेय मिलता था जिसे 20 सितंबर 2017 को बढ़ाते हुए 10 हजार रुपये कर दिया गया है। सपा विधायक ने अनुपूरक प्रश्न के दौरान मुस्कुराते हुए कहा…मंत्री जी कल्याण सिंह भी शिक्षक थे शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने पर उनकी आत्मा आपको आशीर्वाद देगी। इस पर पूरा सदन हस पड़ा।

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