यूपी के इन आउटसोर्स कर्मचारियों का मानदेय 3000 रुपए प्रतिमाह बढ़ेगा, योगी सरकार का फैसला
उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय निदेशालय (सूडा) में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। योगी सरकार ने सूडा कार्यरत इन आउट सोर्स कर्मचारियों के मानदेय में प्रतिमाह 3000 रुपए वृद्धि का फैसला लिया है। इसके साथ ही आश्रयगृह व शहरी आजीविका केंद्रों का संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से कराया जाएगा। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई 36वीं शासी निकाय की बैठक में यह फैसला हुआ।
बैठक में शहरी गरीबों के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने व योजनाओं तक पहुंचाने की राह आसान करना है। अनौपचारिक क्षेत्र के निपुण व प्रशिक्षित शहरी गरीब कामगारों को सूचीबद्ध और पंजीकृत कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। वर्तमान में 63 शहरी आजीविका केंद्र चल रहे हैं।इसके साथ ही दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित होने वाले आश्रयगृह भी अब एसएचजी की महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे। शहरी बेघरों के लिए आश्रय की योजना (एसयूएच) का मुख्य उद्देश्य शहरी बेघर लोगों को बुनियादी सुविधाएं देना है। प्रदेश में 155 शेल्टर होम का निर्माण और इसमें 10351 लोगों के रहने की व्यवस्था होनी है।
मौजूदा समय 149 शेल्टर होम चल रहे हैं। इनमें से 78 को पांच वर्ष चलते हुए होने पर निकायों को हस्तांतरित किया जा चुका है। शेष 71 को पांच साल पूरे होने पर हस्तांतरित किया जाएगा। बैठक में सचिव नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग व निदेशक सूडा डा. अनिल कुमार के साथ शासी निकाय के सभी अधिकारी उपस्थित रहे।