औचक निरीक्षण में ड्यूटी से गायब मिले 29 में से 23 शिक्षक, 12 की लगी मिली फर्जी हाजिरी
राजधानी के मोहनलालगंज ब्लॉक के उतरावां परिषदीय विद्यालय में मंगलवार को निरीक्षण के दौरान बड़ा खुलासा हुआ। खंड शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार सिंह जब सुबह करीब 11 बजे स्कूल पहुंचे, तो 400 बच्चों के नाम पर तैनात 29 में से सिर्फ 6 शिक्षक मौजूद थे। बाकी 23 शिक्षक अनुपस्थित मिले, जिनमें 12 के हस्ताक्षर पहले से रजिस्टर में बने हुए थे। बड़ी बात ये है कि एक भी शिक्षक ने छुट्टी नहीं ली थी। पूरी निरीक्षण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट बीएसए को भेजी गई है।
गैरहाजिरी पर पर्दा डालने की कोशिशें
जैसे ही निरीक्षण की खबर फैली, खंड शिक्षा अधिकारी के फोन पर शिक्षक नेताओं के कॉल आने लगे। सूत्रों के अनुसार, निरीक्षण को रोकने या ढका-छिपी करने की कोशिशें भी की गईं, लेकिन अधिकारी ने रिपोर्ट को निष्पक्ष बनाते हुए दस्तावेज और वीडियो साक्ष्य के साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेज दिया।
हेडमास्टर स्वदेश अग्निहोत्री भी दो दिन से ”गोल”
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि विद्यालय के हेडमास्टर स्वदेश कुमार अग्निहोत्री भी लगातार दो दिन से बिना सूचना गैरहाजिर हैं। रजिस्टर में उनके भी एडवांस हस्ताक्षर मिले। अन्य शिक्षकों ने बताया कि प्रधानाध्यापक अक्सर ऐसा करते हैं।
400 बच्चों के लिए 29 शिक्षक, फिर भी नहीं होती पढ़ाई
उतरावां प्राथमिक विद्यालय में छात्र संख्या करीब 400 है और यहां 29 शिक्षक तैनात हैं। लखनऊ में दर्जनों विद्यालय ऐसे हैं, जो सिर्फ एक या दो शिक्षकों के सहारे संचालित हो रहे हैं या पूरी तरह बंद हैं। इतना शिक्षक स्टाफ किस आदेश से यहां नियुक्त किया गया, यह अब जांच का विषय है।
नामांकन नहीं बढ़े, पढ़ाई नहीं होती: ग्रामीणों का आरोप
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में शिक्षकों की भरमार होने के बावजूद पठन-पाठन नहीं होता। कई बार अभिभावक बच्चों का नामांकन कराने आते हैं, लेकिन निराश होकर लौट जाते हैं। शिक्षकों की नियुक्ति कहीं “सुविधा आधारित” तो नहीं, यह भी जांच का विषय बन गया है।
क्या ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध इसी डर से था?
यह मामला केवल एक स्कूल का नहीं, पूरे परिषदीय तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। जहां शिक्षकों की ड्यूटी समय और गुणवत्ता दोनों पर गंभीर संदेह हैं। ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली का विरोध इसी भय से तो नहीं कि ऐसे खुलासे सार्वजनिक हो जाएंगे?
अब अगला कदम: बीएसए कार्यालय से निर्देश मिलने के बाद इस पूरे प्रकरण पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
ये मिले अनुपस्थित
प्रधानाध्यापक स्वदेश कुमार अग्निहोत्री, सहायक अध्यापक दीप माला, रूचि खत्री, श्रुति कीर्ति शुक्ला, पंकज शुक्ला, प्रवेंद्र कुमार यादव, चंद्र प्रकाश, राम प्रकाश, अनूप कुमार, चिंता देवी, हरि प्रसाद, अनुपमा मिश्रा, अंजली सिंह, रश्मि पांडेय, स्वाती सैनी, रेनू जोशी, सुप्रिया, ऋृचा सिंह, दुर्गा रानी, नीलम पाठक, अर्चना पांडेय, सीमा वर्मा, मनोरमा।
बीएसए राम प्रवेश ने कहा कि विद्यालय में हर शिक्षक को सुबह 7:45 से दोपहर 12:30 बजे तक रहना अनिवार्य है। मामला बेहद गंभीर है, खंड शिक्षा अधिकारी ने रिपोर्ट दी है। सख्त कार्रवाई की जाएगी।
तीन निलंबित, 20 का वेतन अवरुद्ध, एक सप्ताह में मांगा जवाब
बीईओ की रिपोर्ट पर बीसएए ने तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। वहीं 20 शिक्षकों को वेतन अवरुद्ध किया है। निलंबित शिक्षकों में चंद्र प्रकाश, प्रवेंद्र कुमार, राम प्रकाश को दूसरे स्कूलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए संबद्ध किया है। वहीं 20 अन्य शिक्षकों से एक सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है।