Solar panel subsidy Yojana:- घर पर 2kW और 3kW सिस्टम के लिए आवेदन प्रक्रिया और सब्सिडी– संपूर्ण डिटेल
आज की दुनिया में बिजली की बढ़ती मांग और महंगाई के बीच सोलर एनर्जी एक बेहतरीन विकल्प बन कर उभरी है। खासकर भारत में, जहां सूर्य की रोशनी साल भर उपलब्ध रहती है, वहां सोलर पैनल लगाकर बिजली का उत्पादन करना न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है बल्कि आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद है।
आप 2 किलोवाट (kW) और 3 किलोवाट (kW) का सोलर पैनल अपने घर पर कैसे और क्यों लगवाएं।
सोलर पैनल क्यों लगाएं?
बिजली का बिल कम होता है: 2kW सिस्टम आपके घर के 40%-50% तक बिजली की जरूरतें पूरी कर सकता है।
सरकारी सब्सिडी का लाभ: भारत सरकार RESCO और CAPEX मॉडल के तहत सब्सिडी देती है।
स्वच्छ ऊर्जा स्रोत: यह कार्बन उत्सर्जन को घटाता है।
लंबी उम्र: एक बार सोलर पैनल लगवाने के बाद 25 साल तक चलता है।
2. 2kW और 3kW सिस्टम में अंतर
फीचर2 किलोवाट सिस्टम3 किलोवाट सिस्टम
औसत उत्पादन (प्रतिदिन)8-10 यूनिट्स12-15 यूनिट्स
औसत मासिक उत्पादन240-300 यूनिट्स360-450 यूनिट्स
आवश्यक छत की जगह150-200 वर्ग फीट250-300 वर्ग फीट
3. जरूरी उपकरण (Components Required)
सोलर पैनल सिस्टम लगाने के लिए आपको निम्नलिखित उपकरणों की जरूरत पड़ेगी।
1. सोलर पैनल – 2kW सिस्टम के लिए लगभग 5-6 पैनल (330W each), 3kW के लिए 8-9 पैनल।
2. इन्वर्टर – जो सोलर DC पावर को AC में बदलता है।
3. बैटरी (यदि ऑफ-ग्रिड हो) – बिजली स्टोर करने के लिए।
4. Mounting Structure – पैनल को छत पर लगाने के लिए।
5. Wiring & MCBs – कनेक्शन और सुरक्षा के लिए।
6. Net Meter (अगर ऑन-ग्रिड सिस्टम हो) – बिजली बिल और ग्रिड उपयोग को ट्रैक करने के लिए।
4. सोलर पैनल कैसे लगवाएं – स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
Step 1: ज़रूरत की गणना करें
अपने घर के मासिक बिजली खपत की समीक्षा करें।
1kW = लगभग 4 यूनिट/दिन = 120 यूनिट/महीना।
उदाहरण: यदि आपके घर की खपत 300 यूनिट/महीना है, तो 2.5kW का सिस्टम पर्याप्त होगा।
Step 2: सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें
mnre.gov.in या अपने राज्य की बिजली कंपनी की वेबसाइट पर जाकर Solar Rooftop Scheme में आवेदन करें।
आपके राज्य के DISCOM (Distribution Company) की सूची और सब्सिडी स्कीम वहां मिलेग।
Step 3: उचित EPC कंपनी चुनें
EPC (Engineering, Procurement & Construction) कंपनी पूरी इंस्टॉलेशन प्रोसेस संभालती है।
MNRE द्वारा अधिकृत विक्रेता से ही इंस्टॉलेशन कराएं।
स्थानीय विक्रेताओं से रेट्स और सर्विस की तुलना करें।
Step 4: सिस्टम इंस्टॉल कराएं
विक्रेता आपके घर की छत की जांच करेगा (site survey)।
जरूरी डिज़ाइन और लोड कैल्कुलेशन के बाद इंस्टॉलेशन शुरू होता है।
2-5 दिन में इंस्टॉलेशन पूरा हो जाता है।
Step 5: Net Metering और Inspection
इंस्टॉलेशन के बाद बिजली विभाग Net Meter लगाएगा।
सोलर सिस्टम को ग्रिड से जोड़ा जाएगा।
सफल निरीक्षण (inspection) के बाद सब्सिडी प्रोसेस शुरू होती है।
5. सब्सिडी की जानकारी
भारत सरकार की PM Suryaghar Yojana के तहत 2024 से नई सब्सिडी दरें घोषित की गई हैं:
सिस्टम क्षमतासब्सिडी राशि
1kW तक₹30,000 तक
2kW तक₹60,000 तक
3kW तक₹78,000 तक
3kW से ऊपर₹78,000 + अतिरिक्त यूनिट पर ₹6,000 प्रति kW
सब्सिडी सीधे ग्राहक के बैंक खाते में भेजी जाती हैं।
6. रख-रखाव और सावधानियां
हर 3-6 महीने में सोलर पैनल को साफ करें।
पेड़ या छाया वाले हिस्सों से बचें।
बैटरी का मेंटेनेंस नियमित रूप से करें (यदि ऑफ-ग्रिड सिस्टम हो)।
Net Meter और इन्वर्टर की जांच साल में एक बार कराएं।
7. कौन सा सिस्टम चुनें –
ऑन-ग्रिड या ऑफ-ग्रिड?
टाइपऑन-ग्रिड सिस्टमऑफ-ग्रिड सिस्टम
ग्रिड से कनेक्शनहोता हैनहीं होता
बैकअप पावरनहीं (अगर ग्रिड फेल हो)हां, बैटरी बैकअप होता है
खर्चकमज्यादा (बैटरी की वजह से)
उपयुक्तताशहरों में बेहतरगांव या जहां बिजली नहीं है।
8. निष्कर्ष (Conclusion)
अगर आप अपने घर का बिजली बिल कम करना चाहते हैं, साथ ही पर्यावरण की मदद करना चाहते हैं, तो सोलर पैनल लगाना एक समझदारी भरा कदम होगा। 2kW या 3kW सिस्टम मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए आदर्श है। सही EPC कंपनी चुनकर, सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाकर और सही रख-रखाव से आप आने वाले 25 साल तक लगभग मुफ्त बिजली का आनंद ले सकते हैं।
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