Solar panel subsidy registration new:- सोलर सिस्टम पर कितनी सब्सिडी मिलेगी? जानिए आवेदन प्रक्रिया, रजिस्ट्रेशन किस प्रकार करें
भारत सरकार ने ऊर्जा की बढ़ती ज़रूरतों और बिजली संकट को देखते हुए देश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य है कि लोग अपने घरों, खेतों, या संस्थानों में सोलर पैनल लगाएं ताकि वे बिजली का खुद उत्पादन कर सकें और बिजली बिल में बचत कर सकें। इसके लिए सरकार लोगों को सब्सिडी यानी सरकारी सहायता राशि देती है। इस लेख में हम बताएंगे कि सोलर पैनल सब्सिडी योजना क्या है, इसके फायदे, और कैसे रजिस्ट्रेशन करें।
सोलर पैनल सब्सिडी योजना क्या है?
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई “सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना” का उद्देश्य है कि आम नागरिक सोलर पैनल लगाकर पर्यावरण को सुरक्षित रखें और अपनी बिजली ज़रूरतों को खुद पूरा करें। इस योजना के तहत सरकार ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने पर लोगों को कुल लागत का 30% तक सब्सिडी देती है।
यह योजना MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) के अंतर्गत चलाई जाती है और राज्य सरकारें इसमें भागीदारी करती हैं।
योजना के मुख्य लाभ
- बिजली बिल में भारी बचत – सोलर पैनल से आप खुद बिजली बना सकते हैं और बिजली कंपनी से बहुत कम बिजली लेनी पड़ेगी।
- एक बार का निवेश, लंबे समय का लाभ – एक बार सोलर सिस्टम लगवाने के बाद 20–25 साल तक काम करता है।
- पर्यावरण के लिए लाभकारी – सोलर एनर्जी स्वच्छ और हरित ऊर्जा है, जिससे प्रदूषण नहीं होता।
- सरकारी सब्सिडी – सरकार लागत का 30% तक अनुदान देती है, जिससे सिस्टम सस्ता हो जाता है।
- बिजली कटौती की समस्या खत्म – जब बिजली कटती है, तब भी सोलर बैकअप से बिजली मिलती है।
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
- भारत का कोई भी नागरिक (घर मालिक)
- जिनके घर की छत पर खाली जगह हो
- वे लोग जो अपने घर पर ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाना चाहते हों
- कृषि उपयोग के लिए भी योजना उपलब्ध है (पानी चलाने के लिए सोलर पंप)
आवश्यक दस्तावेज
सोलर पैनल सब्सिडी योजना के रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं:
- आधार कार्ड
- बिजली बिल (पिछले 2-3 महीने का)
- घर के स्वामित्व का प्रमाण पत्र (रजिस्ट्री या लीज़)
- बैंक पासबुक की कॉपी (IFSC के साथ)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (ऑनलाइन प्रक्रिया)
अब जानते हैं कि इस योजना में ऑनलाइन आवेदन कैसे करें:
स्टेप 1 – आधिकारिक पोर्टल पर जाएं
सबसे पहले अपने राज्य की डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनी) की वेबसाइट पर जाएं। उदाहरण के लिए:
उत्तर प्रदेश – https://www.upnedap.org.in
राजस्थान – https://energy.rajasthan.gov.in
हर राज्य का पोर्टल अलग होता है।
स्टेप 2 – “रूफटॉप सोलर योजना” या “सोलर सब्सिडी योजना” विकल्प पर क्लिक करें
स्टेप 3 – नया रजिस्ट्रेशन करें
- अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि दर्ज करें
- आधार नंबर और बिजली कनेक्शन नंबर (Consumer Number) भरें
- OTP के माध्यम से मोबाइल वेरीफाई करें
स्टेप 4 – दस्तावेज़ अपलोड करें
- आधार, बिजली बिल, फोटो, बैंक डिटेल्स आदि अपलोड करें
स्टेप 5 – सोलर वेंडर का चयन करें
- पोर्टल पर लिस्टेड किसी MNRE Approved Vendor का चयन करें
- वह वेंडर आपके घर आकर छत की माप लेकर सिस्टम लगाने की योजना बनाएगा
स्टेप 6 – सिस्टम इंस्टॉल कराएं
- चयनित वेंडर द्वारा सोलर पैनल, इन्वर्टर और वायरिंग सिस्टम लगाया जाएगा
स्टेप 7 – निरीक्षण और ग्रिड कनेक्शन
- डिस्कॉम की टीम आकर निरीक्षण करेगी और सिस्टम को ग्रिड से जोड़ेगी
स्टेप 8 – सब्सिडी का भुगतान
- सिस्टम चालू होने के 30–60 दिन के भीतर आपकी सब्सिडी की राशि सीधे आपके बैंक खाते में भेजी जाती है
कितनी सब्सिडी मिलती है? (टेबल के रूप में)
सोलर पैनल क्षमता | अनुमानित लागत (₹) | सब्सिडी दर | सब्सिडी राशि (₹) |
---|---|---|---|
1 किलोवाट | ₹60,000–₹70,000 | 40% तक | ₹24,000–₹28,000 |
2 किलोवाट | ₹1,20,000–₹1,40,000 | 40% तक | ₹48,000–₹56,000 |
3 किलोवाट | ₹1,80,000–₹2,10,000 | 40% तक | ₹72,000–₹84,000 |
4 किलोवाट और अधिक | ₹60,000 प्रति KW | 20% तक (3KW के बाद) | अलग से |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
प्रश्न 1: क्या किराएदार भी सोलर पैनल सब्सिडी ले सकते हैं?
उत्तर: नहीं, केवल घर के मालिक ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
प्रश्न 2: क्या सब्सिडी सीधे बैंक खाते में आती है?
उत्तर: हाँ, सरकार की तरफ से सब्सिडी सीधे आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है।
प्रश्न 3: क्या कृषि पंप के लिए भी सब्सिडी मिलती है?
उत्तर: हाँ, किसान भाइयों के लिए PM Kusum योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है।
प्रश्न 4: सिस्टम की वारंटी कितनी होती है?
उत्तर: सोलर पैनल की लाइफ 25 साल होती है, और इन्वर्टर की वारंटी 5 साल तक होती है।