यूपी में पति-पत्नी शिक्षकों ने दिया धरना, कहा- बिना शर्त ट्रांसफर दीजिए, शादीशुदा जिंदगी पर असर पड़ रहा ‎ ‎ ‎

Transfer news:- ‎यूपी में पति-पत्नी शिक्षकों ने दिया धरना, कहा- बिना शर्त ट्रांसफर दीजिए, शादीशुदा जिंदगी पर असर पड़ रहा

‎उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सैकड़ों की तादाद में पति-पत्नी शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया है। निशातगंज स्थित शिक्षा निदेशालय पर बड़ी संख्या में उमड़े शिक्षकों ने अपनी मांगों का ज्ञापन दे दिया है। शिक्षकों का कहना है कि दंपती शिक्षकों की तैनाती अलग-अलग जिलों में होने के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उनकी मांग है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान पति-पत्नी शिक्षकों को बिना शर्त अंतरजनपदीय स्थानांतरण का उन्हें लाभ दिया जाए।

‎शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने मंगलवार दोपहर 2 बजे के करीब धरनारत शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था। शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक को बताया कि वें 10 साल से बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत अलग-अलग जिलों में तैनात है। जबकि उनके जीवनसाथी भी परिषद या अन्य शासकीय सेवाओं में काम कर रहे हैं। हालांकि तैनाती अलग-अलग जिलों में होने के कारण उन्हें कई तरह की पारिवारिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

‎शादीशुदा जिंदगी पर गंभीर प्रभाव

‎शिक्षकों ने बताया कि विगत दो स्थानांतरण नीतियों में पति-पत्नी को एक साथ तैनात करने के लिए भारांक का प्रावधान था, लेकिन इसके बावजूद अधिकांश शिक्षकों को इस श्रेणी में लाभ नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग जिलों में होने के कारण बच्चों की देखभाल, बुजुर्ग माता-पिता का इलाज और दांपत्य जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान बिना किसी शर्त के अंतर्जनपदीय स्थानांतरण कर दिया जाए। ताकि शिक्षक परिवारिक स्थायित्व के साथ मनोयोग से काम कर सकें।

‎स्थानांतरण नीति जारी करने पर जोर

‎महानिदेशक कंचन वर्मा ने शिक्षकों की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को शासन स्तर तक पहुंचाया जाएगा। साथ ही कहा कि जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, शिक्षा निदेशक का रुख इस मुद्दे पर स्पष्ट नहीं रहा।वहीं महानिदेशक ने शिक्षकों को दस दिन बाद पुनः मिलने के लिए बुलाया है। प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि अगर दस दिन के भीतर स्थानांतरण नीति जारी नहीं होती है, तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को बाध्य होंगे। धरने में बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगें रखीं।

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