सरकारी नौकरी बता तय की शादी, मंडप में खुली पोल तो बिना फेरे लौटाया
झूठ की बुनियाद पर रिश्ता बनाने चले एक दूल्हे को मंडप से बिना दुल्हन के लौटना पड़ा। शादी तय होते समय दूल्हे को सरकारी नौकरी वाला बताया गया था। जब शादी की रस्में चल रहीं थीं, तो किसी ने वधू पक्ष को बता दिया कि वर तो संविदा पर तैनात है। यह जानकारी होते ही दुल्हन ने शादी करने से इन्कार कर दिया। 12 घंटे की पंचायत के बाद भी झूठ सच नहीं साबित हो पाया तो दूल्हे को बिना दुल्हन के घर जाना पड़ा। किसी भी पक्ष ने पुलिस को तहरीर नहीं दी है।मामला कदौरा थाना क्षेत्र के एक गांव का बताया जा रहा है। गांव की युवती की शादी शहर के एक मोहल्ला निवासी युवक से तय हुई थी। रिश्ता तय होते समय लड़के वालों ने लड़की वालों को बताया था कि उनका बेटा कोर्ट में लिपिक है। यानी उसकी सरकारी नौकरी है। रविवार को शहर के एक विवाह घर में शादी समारोह था। जयमाला कार्यक्रम के बाद चढ़ावा की रस्म चल रही थी। इसी बीच किसी ने जानकारी दी कि दूल्हे की नौकरी सरकारी नहीं है। वह तो संविदा पर कार्यरत है।
इसकी जानकारी दुल्हन और उसके परिजनों को लगी तो खलबली मच गई। विवाह की रस्मों को रोक दिया गया और दुल्हन पक्ष के लोगों ने चढ़ावे के गहने रख लिए। साथ ही विवाह घर का गेट अंदर से बंद कर दिया गया। पांच घंटे तक विवाह घर में ही पंचायत चलती रही, लेकिन मामला नहीं सुलझा।
इसी बीच किसी ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी। पुलिस दोनों पक्षों को कोतवाली ले गई। कोतवाली में मान मनौव्वल का सिलसिला चलता रहा, लेकिन दुल्हन ने शादी करने से इन्कार कर दिया। करीब 12 घंटे चली पंचायत के बाद भी कोई समाधान नहीं हो सका तो दोनों पक्ष अपने-अपने घर चले गए।
दुल्हन पक्ष के लोगों का कहना है कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई। शुरूआत में बताया गया कि लड़का सरकारी नौकरी में है, लेकिन वह संविदा पर तैनात था। कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार राय ने कहा कि दोनों पक्षों ने कोई तहरीर नहीं दी है। सिर्फ सूचना दी गई थी। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।