फर्जी दस्तावेज के सहारे 17 वर्ष तक बनी रही शिक्षिका, जांच में ऐसे खुला मामला- केस दर्ज

फर्जी दस्तावेज के सहारे 17 वर्ष तक बनी रही शिक्षिका, जांच में ऐसे खुला मामला- केस दर्ज

‎क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कोनी में तैनात निलंबित शिक्षिका ज्योति अग्रवाल के खिलाफ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (डीबीईओ) ने जालसाजी और धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है। आरोप है कि उन्होंने कूटरचित दस्तावेज का उपयोग कर आरक्षण का अवैध लाभ उठाया।

‎जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की तहरीर के अनुसार, ज्योति अग्रवाल सामान्य जाति की हैं। उन्होंने पिछड़ा वर्ग (कलवार) के नाम से बना प्रमाणपत्र हासिल किया, जो कि ज्योति जायसवाल (पत्नी रामभरत जायसवाल) के नाम से जारी था। इस प्रमाणपत्र का उपयोग कर उन्होंने विशिष्ट बीटीसी-2008 (विशेष चयन) प्रशिक्षण कार्यक्रम में दाखिला लिया। इसके बाद कोनी प्राथमिक विद्यालय में नौकरी भी प्राप्त की।

‎शिक्षा विभाग में हुई जांच में यह मामला सामने आया कि सामान्य जाति की होने के बावजूद ज्योति अग्रवाल ने पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र बनवाकर उसका लाभ उठाया। जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस कूटरचित दस्तावेज के आधार पर उन्होंने न केवल प्रशिक्षण प्राप्त किया, बल्कि सरकारी नौकरी तक हासिल की।

‎मामला तब उजागर हुआ जब एक साल पहले राजघाट थाना क्षेत्र के तुर्कमानपुर निवासी आशीष कुमार गुप्ता ने शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर विभाग ने मामले की जांच शुरू की और दस्तावेजों में अनियमितताओं का पता चला।

‎अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई जारी है। अधिकारियों ने कहा कि दोषी पाए जाने पर संबंधित शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और ऐसे किसी भी प्रकार के दस्तावेजों के दुरुपयोग पर नजर रखी जाएगी ‎शिक्षा विभाग ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि आरक्षण का गलत लाभ लेने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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