फर्जी डिग्री पर 20 साल से नौकरी कर रहीं 3 शिक्षिकाओं की सेवा समाप्त, वेतन की होगी रिकवरी
अंबेडकरनगर में तीन शिक्षिकाओं की सेवा समाप्त कर दी गई है। करीब एक साल से सस्पेंड चल रहीं तीनों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है। दरअसल फर्जी डिग्री की मदद से 20 साल से नौकरी कर रहीं थी। शिक्षा विभाग अब वेतन की रिकवरी करेगा।
दो साल पहले जिले की तीन शिक्षिका मांधाता, कंचन और सरोज लता द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का खुलासा यूपी एसटीएफ ने किया था। इसके बाद साल 2024 में तीनों को निलंबित कर दिया गया था। एसटीएफ की संस्तुति पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीपी सिंह ने तीनों को सस्पेंड कर अलग-अलग तारीखों में चार नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब न देने पर बीते जून महीने में पांचवीं और अंतिम नोटिस बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने जारी किया। साथ ही चेतावनी दी थी कि इस बार भी जवाब न देने पर सीधे सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
लेकिन पहले की तरह तीनों शिक्षिकाओं ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। जिसके चलते अब ये ऐक्शन लिया गया है। सरोज लता प्राथमिक विद्यालय बरौरा, मांधाता सिंह प्राथमिक विद्यालय बरौरा और कंचन प्राथमिक विद्यालय कुर्मीपुर कार्यकत थी।
रकम की होगी रिकवरी
निलंबित रहीं तीनों शिक्षिका कंचन, मांधाता और सरोज लता अंबेडकरनगर की ही मूल निवासी हैं। इनकी तैनाती साल 2005 में हुई थी। नियुक्ति गोंडा जिले के डिग्री कालेज से फर्जी बीएड की डिग्री के आधार पर हुई थी। सस्पेंड होने तक तीनों ने करीब पांच करोड़ रुपए से अधिक बतौर सैलरी प्राप्त किया है। सेवा समाप्ति के साथ वेतन के तौर पर ली गई रकम की रिकवरी का भी आदेश जारी हुआ है। रिकवरी आरसी जारी करके होगी।
इस मामले को लेकर प्रभारी बीएसए ने बताया कि बीएड की फर्जी डिग्री से कराई गई नियुक्ति की जांच के दौरान इसका खुलासा हुआ था। नोटिस देकर जवाब मांगा गया था। लेकिन पांच नोटिस भेजने के बावजूद कोई जवाब नहीं आया। जिसके बाद कंचन, मांधाता और सरोज लता की सेवा समाप्त कर दिया गया है।