रोजमर्रा की 250 से अधिक वस्तुओं के दाम घटेंगे, ये चीजें हो सकती हैं सस्ती, यहां मिल सकती है राहत

रोजमर्रा की 250 से अधिक वस्तुओं के दाम घटेंगे, ये चीजें हो सकती हैं सस्ती, यहां मिल सकती है राहत

‎जीएसटी परिषद की बुधवार को शुरू होने वाली दो दिवसीय बैठक में चार के बजाए दो स्लैब के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। इसी के साथ खाने-पीने और दैनिक जीवन की 250 से अधिक वस्तुओं को 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी के स्लैब में लाने की तैयारी है। इससे इनके दाम घट सकते हैं।

‎केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली और सभी राज्यों के प्रतिनिधित्व वाली यह परिषद केंद्र के ‘अगली पीढ़ी’ के जीएसटी सुधार प्रस्ताव पर चर्चा करेगी। प्रस्तावित सुधारों में मौजूदा 12% और 28% के जीएसटी स्लैब को हटाकर केवल 5% और 18% के दो स्लैब रखना प्रमुख तौर पर शामिल है। इसके अलावा कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40% की विशेष दर से कर लिया जाएगा। परिषद की बैठक से पहले मंगलवार को राज्यों के अधिकारियों के साथ एजेंडे पर चर्चा की गई, जिसमें जीएसटी सुधारों को लेकर पूरा मसौदा भी तैयार किया गया।

‎मंत्री समूह की मंजूरी: गौरतलब है कि जीएसटी पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने कर दरों को कम करने के केंद्र के प्रस्ताव को 21 अगस्त को मंजूरी दी थी और अपनी सिफारिशें जीएसटी परिषद को भेजी थीं। अगर इन्हें मंजूर किया जाता है तो इससे आम आदमी, किसान और छोटे उद्यमियों को लाभ मिलेगी। खाने-पीने और आम जरूरत की वस्तुएं सस्ती होंगी।

‎बीमा पर जीएसटी दरों में होगी कटौती : सूत्रों का कहना है कि एकल बीमा पर जीएसटी दरों को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। जबकि ग्रुप पॉलिसी पर जीएसटी को घटाकर पांच फीसदी किया जा सकता है। मौजूदा समय में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है, जिसको लेकर लंबे समय से विपक्षी राज्य मांग कर रहे हैं कि जीएसटी को हटाया जाना चाहिए।

‎इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर बढ़ाने का प्रस्ताव : वहीं, मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मंत्री समूह ने उन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जीएसटी दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है, जिनकी कीमत 20 लाख से 40 लाख रुपये के बीच है।

‎सूत्रों का कहना है कि 250 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी 12% से घटाकर पांच फीसदी किया जा सकता है। इतना ही नहीं, 50 से 60 वस्तुएं मौजूदा 18% के स्लैब से निकलकर पांच फीसदी के स्लैब में शामिल की जा सकती हैं। इसके साथ ही सीमेंट 28 फीसदी की जगह 18 फीसदी के स्लैब में आ जाएगा। इससे उन लोगों को लाभ होगा जो अपना घर बनाना चाहते हैं। किसानों के लिहाज से देखा जाए तो ट्रैक्टर पर अभी 12 फीसदी जीएसटी लगता है जो पांच फीसदी के स्लैब में आ जाएगा।‎

‎ये चीजें हो सकती हैं सस्ती

‎(12 से 5% के स्लैब में आने पर)

‎● घी, मेवे, नमकीन, कुछ जूते और परिधान, दवाइयां, चिकित्सा उपकरण, पेंसिल, साइकिल, छाते से लेकर हेयर पिन जैसी आम उपयोग की वस्तुएं‎

‎(28 से 18% के स्लैब में आने पर)

‎● कुछ श्रेणी के टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं

‎(40% कर का प्रस्ताव)

‎● तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट और सोडा वाले और ठंडे पेय पदार्थ

‎इन वस्तुओं पर शून्य जीएसटी संभव‎

‎अभी 5 से 18 फीसदी तक कर

‎● चपाती-पराठा, पैकेटबंद दूध-पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, सभी प्रकार की पेंसिल, नक्शे, हाइड्रोग्राफिक चार्ट, एटलस, वॉल मैप, ग्लोब, शैक्षणिक चार्ट, पेंसिल शार्पनर, सभी प्रकार की पेंसिल, एक्सरसाइज बुक, ग्राफ बुक और लैब नोटबुक

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