जर्जर भवन, टपकता पानी, अंधेरे-बदबूदार कमरों में बच्चे परेशान…ये है यूपी के सरकारी स्कूलों का हाल

जर्जर भवन, टपकता पानी, अंधेरे-बदबूदार कमरों में बच्चे परेशान…ये है यूपी के सरकारी स्कूलों का हाल

‎शहर से लेकर देहात तक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय विभागीय अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। जर्जर भवनों से कहीं प्लास्टर गिर रहा है तो कहीं छतों से बारिश का पानी टपक रहा है। दीवारें भी गिरासू हैं। मुख्य गेट पर कीचड़ और बदबूदार कमरों से शिक्षक-शिक्षिकाओं का ही नहीं विद्यार्थियों का भी बुरा हाल है। अभिभावक अपने बच्चों की जान खतरे में डालकर विद्यालय में भेजने के लिए मजबूर हैं। कई ब्लाॅक में विद्यालय बंद होने की वजह से दूसरे स्कूलों में पढ़ाई करने जाना पड़ रहा है।

‎कंपोजिट विद्यालय रूई की मंडी में निर्माण कार्य चल रहा है। तीन कमरों में पूरा विद्यालय संचालित हो रहा है। विद्यालय में जाने के लिए एक बड़ा गेट है। विद्यार्थियों को कच्चे रास्ते से 200 मीटर आगे विद्यालय के भवन में जाना पड़ता है। निर्माण कार्य चलने की वजह से एक कमरे में निर्माण सामग्री रखी हुई है। वहीं दो कमरों में ही कक्षाएं चलती हैं। इसमें तकरीबन 104 बच्चे पढ़ते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी नगर सुमित कुमार ने बताया कि 3 कमरे, 1 रसोई और बरामदा बनाया जा रहा है। तब तक के लिए 2 कमरों में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

‎1 दर्जन से अधिक विद्यालय भवनों की हालत खराब

‎सैयां ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय खेड़िया कंपोजिट, उच्च प्राथमिक विद्यालय पुसेंता कंपोजिट, प्राथमिक विद्यालय वृथला, प्राथमिक विद्यालय शाहपुर, प्राथमिक विद्यालय भिड़ावली, प्राथमिक विद्यालय सदूपुरा, प्राथमिक विद्यालय बसई खुर्द, प्राथमिक विद्यालय कछपुरा, प्राथमिक विद्यालय दारापुर, उच्च प्राथमिक विद्यालय महाव में भवनों की स्थिति जर्जर है। छतों से पानी टपक रहा है। हर जगह से प्लास्टर गिर रहा है। विद्यालय में पढ़ने आने वाले बच्चों की जान खतरे में है। कछपुरा के मुन्ना लाल, खेड़िया के भगवान सिंह, दारापुरा के प्रमोद कुमार का कहना है कि सरकार को विद्यालय भवनों की स्थिति की जांच करानी चाहिए। अधिकारियों को निरीक्षण के समय यह सब दिखाई क्यों नहीं देता है।

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