‎35 हजार शिक्षामित्रों को समायोजन व स्थानांतरण का इंतजार, सभी बीएसए को दी गई थी जिम्मेदारी

‎35 हजार शिक्षामित्रों को समायोजन व स्थानांतरण का इंतजार, सभी बीएसए को दी गई थी जिम्मेदारी

Shikshamitra News

‎लखनऊ : प्रदेश में बेसिक के साथ माध्यमिक और उच्च शिक्षा को पटरी पर लाने के प्रयास में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार को अधिकारियों की लापरवाही भी झेलनी पड़ रही है। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के समायोजन और स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, लेकिन कई जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अब तक मानव संपदा पोर्टल पर डाटा अपडेट नहीं किया है। इसकी वजह शिक्षामित्रों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है।

‎शिक्षकों के तबादले के बाद शिक्षामित्रों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होनी थी, लेकिन अभी तक इस संबंध में आदेश जारी नहीं हुआ। प्रदेश में वर्तमान में करीब 1.48 लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें से बड़ी संख्या 2014 में स्नातक व बीटीसी पूरी करने के बाद सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किए गए थे।

‎सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बनाया गया था शिक्षा मित्र

‎सुप्रीम कोर्ट के 25 जुलाई 2017 के फैसले के बाद जो शिक्षामित्र टीईटी पास नहीं कर सके, उन्हें फिर से शिक्षामित्र बना दिया गया। वर्ष 2018 में कुछ शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय भेजा गया था, लेकिन अब भी करीब 35 हजार शिक्षामित्र ग्राम पंचायत से बाहर के विद्यालयों में तैनात हैं।

‎महिला शिक्षामित्रों की तैनाती अभी भी पिता के गांव के विद्यालयों में ही

‎15 हजार से अधिक महिला शिक्षामित्र विवाह के बाद ससुराल जाने के बावजूद अपने पहले विद्यालय में ही कार्यरत हैं। इनमें से 4300 से अधिक महिला शिक्षामित्रों की शादी दूसरे जिलों में हुई है, लेकिन उनकी तैनाती अभी भी पिता के गांव के विद्यालयों में ही है। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव और महामंत्री संदीप दत्त का कहना है कि जनवरी 2025 में स्थानांतरण व समायोजन की नीति जारी हुई थी, लेकिन उस पर अभी तक अमल नहीं होने से शिक्षामित्र परेशान हैं।

‎प्रक्रिया को जल्द शुरू करने का आश्वासन

‎महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा कि 18 अगस्त तक सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों का डाटा अपडेट करने के निर्देश दिए गए थे। डाटा अपडेट होने के बाद यह स्पष्ट होगा कि किस विद्यालय में कितनी रिक्तियां हैं। शिक्षामित्रों को पहले उनके मूल विद्यालय में समायोजित किया जाएगा, और यदि वहां स्थान न हुआ तो संबंधित ग्राम पंचायत के अन्य विद्यालय में तैनाती दी जाएगी। इस प्रक्रिया को जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया है।

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