फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले शिक्षक को जारी होगा नोटिस, जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने की संस्तुति
बुलंदशहर जिले में एससी कोटे से शिक्षा विभाग में नौकरी पाने वाले केंद्रपाल के फर्जीवाड़े का मामला तूल पकड़ चुका है। जांच में साबित हो गया है कि सदर तहसील से जारी जाति प्रमाणपत्र फर्जी है। इसे निरस्त करने के लिए तहसीलदार सदर ने डीएम को रिपोर्ट भेज दी है। अब जिला स्क्रूटनी कमेटी की बैठक में इस मामले में निर्णय लिया जाना है। उधर, एडीएम सिटी ने जवाब-तलब करने के लिए केंद्रपाल को नोटिस जारी करने की बात कही है।
सदर तहसीलदार भानु प्रताप सिंह ने डीएम को रिपोर्ट भेजी है। इसमें कहा है कि केंद्रपाल बहेड़ी तहसील के गांव दौलतपुर के रहने वाले हैं। इन्होंने अपनी जाति धनगर (अनुसूचित जाति) होने का प्रमाणपत्र सात जून 2019 को सदर तहसील से जारी करा लिया था। इसके गांव में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ है कि उनकी जाति गड़रिया है, जो पिछड़ी जाति के अंतर्गत आती है। केंद्रपाल धनगर जाति के नहीं बल्कि वह पिछड़ी जाति वर्ग में गड़रिया हैं, इसके साक्ष्य के तौर पर तहसीलदार ने केंद्रपाल के भाई प्रेमपाल सिंह के जाति प्रमाणपत्र को रिपोर्ट में शामिल किया है।
राजस्व कर्मियों की जांच में पाया गया है कि केंद्रपाल वर्तमान में बुलंदशहर जिले में ही निवास कर रहे हैं। तहसीलदार सदर ने डीएम को दी गई रिपोर्ट में साक्ष्यों को शामिल करते हुए पूर्व में जारी जाति प्रमाणपत्र को जिला स्तरीय कमेटी से निरस्त करने की सिफारिश की है।

आपको बता दें कि केंद्रपाल के फर्जीवाड़े का खुलासा उनकी पत्नी की शिकायत पर हुआ है। वह हरियाणा की रहने वाली हैं और तलाक का मुकदमा भी हरियाणा में ही चल रहा है। इसमें केंद्रपाल पर उसकी पत्नी ने गंभीर आरोप लगा रखे हैं।
स्क्रूटनी समिति के सामने रखा जाएगा मामला
एडीएम सिटी ने बताया कि किसी भी अभ्यर्थी की जाति अथवा जारी जाति प्रमाणपत्र के सत्यापन का अधिकार जिला स्क्रूटनी कमेटी को है। इसके अध्यक्ष डीएम हैं, जबकि चार सदस्यों में एडीएम सिटी, एसडीएम सदर, जिला समाज कल्याण अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि इस कमेटी के सामने केंद्रपाल के मामले को प्रस्तुत करने से पहले स्पष्टीकरण लेंगे और प्रक्रिया के तहत कार्रवाई होगी।
इंटर के छात्रों को पढ़ा रहे अंग्रेजी केंद्रपाल
केंद्रपाल ने बुलंदशहर जिले के रसूलगढ़ पहासू स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज में 23 अक्टूबर 2020 को नियुक्ति पाई थी। बताया जा रहा है कि वह वर्तमान में बुलंदशहर के ही राजकीय हाईस्कूल बदरखासी खास पहासू में संबद्ध है। उनकी नियुक्ति इंटरमीडिएट के छात्रों को अंग्रेजी पढ़ाने के लिए सहायक अध्यापक पद पर हुई थी।
एडीएम सिटी सौरभ दुबे ने कहा कि बुलंदशहर में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पाने के लिए केंद्रपाल ने धनगर जाति का प्रमाणपत्र लगाया है। उसे उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के सहारे सदर तहसील से प्राप्त किया है। अब कार्रवाई के लिए प्रकरण को जिला स्क्रूटनी कमेटी के पास भेजा जा रहा है। इससे पहले केंद्रपाल का जवाब लेने के लिए नोटिस जारी किया जाएगा।