छोटे टैक्सपेयर्स को राहत: अब सिर्फ एक फॉर्म से मिलेगा TDS रिफंड
छोटे करदाताओं के लिए सरकार बड़ी राहत लेकर आ रही है। अब ऐसे लोग जिन्हें सिर्फ टीडीएस रिफंड लेना होता है, उन्हें इसके लिए आईटीआर (आयकर रिटर्न) भरने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ एक सरल फॉर्म भरकर ही रिफंड लिया जा सकेगा।
यह फैसला आयकर अधिनियम 2025 की समीक्षा कर रही संसदीय समिति के सुझाव पर लिया गया है। सरकार ने इस सिफारिश को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव के बाद उन छोटे टैक्सपेयर्स को आसानी होगी जिनकी आय टैक्स सीमा से कम है लेकिन उनसे बैंक या नियोक्ता की वजह से टीडीएस काट लिया जाता है।
अब आईटीआर की जगह आसान फॉर्म
अभी तक जिनकी सालाना आय टैक्स के दायरे में नहीं आती, लेकिन उनसे टीडीएस कट जाता है, उन्हें रिफंड लेने के लिए भी आईटीआर भरना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा। सरकार ने सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) को जिम्मेदारी दी है कि वह ऐसे लोगों के लिए एक सरल प्रक्रिया और फॉर्म तैयार करे।
यह नया फॉर्म फॉर्म-26एएस में दर्ज आपके टीडीएस के आंकड़ों के आधार पर भरा जाएगा। करदाता इसे भरकर आसानी से रिफंड ले पाएंगे।
क्यों जरूरी था बदलाव?
नई टैक्स व्यवस्था (न्यू टैक्स रिजीम) में अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय ₹12.75 लाख तक है और उसने सभी जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए हैं, तो उसे टैक्स नहीं देना होता। लेकिन कई बार बैंक या नियोक्ता दस्तावेज न मिलने पर टीडीएस काट लेते हैं। ऐसे में जिनकी आय टैक्स सीमा से कम है, उन्हें भी रिफंड के लिए आईटीआर दाखिल करना पड़ता था। अब इस झंझट से छुटकारा मिल जाएगा।
कब से होगा लागू?
यह बदलाव आयकर अधिनियम 2025 में संशोधन के बाद लागू होगा। उम्मीद है कि जल्दी ही सीबीडीटी इसकी प्रक्रिया और फॉर्म का प्रारूप जारी करेगा।
फायदे
छोटे करदाताओं को रिफंड पाने के लिए लंबी प्रक्रिया से राहत।
आईटीआर भरने की झंझट खत्म।
फॉर्म-26एएस के आधार पर आसान रिफंड।