IAS बनाने के नाम पर युवक से 38 लाख की ठगी, फर्जी नियुक्ति पत्र और CDO, DM और SDM की नियुक्ति का झांसा

IAS बनाने के नाम पर युवक से 38 लाख की ठगी, फर्जी नियुक्ति पत्र और CDO, DM और SDM की नियुक्ति का झांसा

‎सुलतानपुर: उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले से सिविल सेवा परीक्षा की आड़ में करोड़ों की ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक युवक को IAS बनाने का सपना दिखाकर उससे करीब 38 लाख रुपये की ठगी की गई। ठगों ने युवक को फर्जी UPSC इंटरव्यू कॉल लेटर और दो बार नियुक्ति पत्र भी थमा दिए। मामले में पुलिस ने कई आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

‎IAS बनाने का झांसा, भरोसा जीतकर फंसाया जाल में

‎प्रांजल त्रिपाठी, निवासी लक्ष्मणपुर मोहल्ला, नगर कोतवाली, ने बताया कि उन्होंने 2022 में UPSC की प्रारंभिक परीक्षा दी थी। इसी दौरान उनकी मुलाकात ग्राम पिपरी साईनाथपुर निवासी बजरंग द्विवेदी और उनके बेटे प्रणव द्विवेदी से हुई। प्रणव ने उनके परिवार से नजदीकी बढ़ाई और विश्वास जीत लिया। वह लगातार यही दावा करता रहा कि उसके केंद्रीय मंत्रियों से अच्छे संबंध हैं और वह पहले भी कई लोगों को IAS व PCS बनवा चुका है।

‎बैंक खातों में डाले गए लाखों रुपये

‎प्रांजल ने बताया कि प्रणव ने उन्हें लखनऊ बुलाया और भागीरथी फ्लैट में 18 जनवरी को एक फाइल में UPSC मेन्स का एडमिट कार्ड और इंटरव्यू का शेड्यूल दिखाया। एडमिट कार्ड पर उनका फोटो और नाम छपा हुआ था, जो असली जैसा लग रहा था। इसके बाद वह लगातार पैसे मांगता रहा।

‎बजरंग द्विवेदी के कई बैंक खातों में 26.50 लाख रुपये, पड़ोसी मनीष दुबे के खाते में 7 लाख, दोस्त श्रेयांश अग्रहरि के खाते में 80 हजार, और दीपक पटेल (पराग डेयरी की दुकान, तिकोनिया पार्क) के पास 2 लाख रुपये दिए गए। यहां तक कि प्रणव ने खुद के खाते में भी 10,500 रुपये मंगवाए।

‎झूठे नियुक्ति पत्र से किया गुमराह

‎प्रणव ने दो बार फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए। पहली बार 22 जून 2023 को राज मिश्रा के जरिए कूरेभार में नियुक्ति पत्र दिलवाया, जो बाद में फर्जी निकला। दूसरी बार अगस्त 2024 में मनीष दुबे के हाथों कूरेभार पेट्रोल पंप पर भारत सरकार की मुहर लगे हुए नियुक्ति पत्र के साथ 8 सितंबर 2024 की नियुक्ति तिथि बताई गई। लेकिन यह भी फर्जी था।

‎धमकी देकर चुप कराने की कोशिश

‎जब प्रांजल ने शक जताया तो प्रणव ने धमकी दी कि अगर यह मामला मीडिया या पुलिस तक पहुंचा, तो “मंत्री जी और उनके पुत्र तुम्हारे पूरे परिवार को मरवा देंगे।” इसके बाद वह कई महीनों तक CDO, DM और SDM की नियुक्ति का झांसा देता रहा।

‎एसपी के आदेश पर मुकदमा दर्ज

‎प्रांजल की तहरीर पर एसपी कुंवर अनुपम सिंह ने मामले की जांच कराई। जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी बजरंग द्विवेदी एक वकील हैं और बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी के सदस्य हैं, साथ ही दो बैंकों के विधिक सलाहकार भी हैं। जांच में आरोप सही पाए जाने पर सीओ नगर प्रशांत सिंह के निर्देश पर नगर कोतवाल धीरज कुमार ने बजरंग द्विवेदी, मनीष दुबे, आशीष दुबे, राज मिश्रा, श्रेयांश अग्रहरि और दीपक पटेल के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज बनाना और धमकी देने जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

‎तफ्तीश जारी, कार्रवाई के संकेत

‎अपर पुलिस अधीक्षक अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि फिलहाल मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है लेकिन जो भी साक्ष्य मिलेंगे, उनके आधार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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