Electric Vehicle Subsidy:- इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी योजना को 2027 तक बढ़ा दिया, यदि आप भी खरीदना चाहते हैं तो मिलेगी 40% तक सब्सिडी जाने किस प्रकार
भारत में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण, जीवाश्म ईंधन की बढ़ती कीमतों और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाना एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों का विकास और उपयोग न केवल पर्यावरण की दृष्टि से आवश्यक है, बल्कि यह आर्थिक और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए कई प्रकार की सब्सिडी योजनाएं चला रही हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी से तात्पर्य है – सरकार द्वारा वाहन खरीद पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता, जिससे लोगों को ईवी खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। यह सब्सिडी वाहन की कीमत कम कर देती है और इससे खरीददार पर आर्थिक बोझ हल्का होता है।
FAME योजना क्या है?
भारत सरकार द्वारा ईवी सब्सिडी के लिए सबसे प्रमुख योजना है – FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) स्कीम। इसे 2015 में शुरू किया गया था और अब इसका दूसरा चरण चल रहा है जिसे FAME-II कहा जाता है।
FAME-II योजना की मुख्य विशेषताएं:
1. योजना की कुल लागत: ₹10,000 करोड़ (2019 से 2024 तक)
2. प्राथमिक उद्देश्य: सार्वजनिक परिवहन जैसे ई-बसें, ई-ऑटो, ई-रिक्शा, ई-दोपहिया और चार पहिया वाहनों का उपयोग बढ़ाना।
3. सब्सिडी किसे मिलती है: इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहन खरीदने वालों को।
इलेक्ट्रिक दोपहिया पर सब्सिडी
भारत में सबसे अधिक ईवी दोपहिया वाहन खरीदे जा रहे हैं। FAME-II योजना के अंतर्गत:
10,000 रुपये प्रति किलोवॉट-ऑवर (kWh) की सब्सिडी दी जाती है।
अधिकतम ₹20,000 तक की छूट संभव है।
वाहन की अधिकतम गति 40-70 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए
बैटरी क्षमता न्यूनतम 1.5kWh होनी चाहिए।
चार पहिया और तिपहिया वाहनों पर सब्सिडी
इलेक्ट्रिक कारों और ई-रिक्शा के लिए भी अलग-अलग सब्सिडी दी जाती है।
चार पहिया वाहनों के लिए लगभग ₹1.5 लाख तक की छूट संभव है, बशर्ते कि वाहन फेम पात्रता मानकों को पूरा करता हो।
राज्य सरकारों की सब्सिडी
FAME योजना के साथ-साथ विभिन्न राज्य सरकारें भी अपनी-अपनी EV नीति चला रही हैं। उदाहरणस्वरूप।
इलेक्ट्रिक दोपहिया पर ₹5,000 प्रति kWh तक की अतिरिक्त सब्सिडी।
अधिकतम ₹30,000 तक की छूट।
EV खरीद पर रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स शून्य
दोपहिया वाहन पर अधिकतम ₹20,000 और चार पहिया पर ₹1.5 लाख तक की सब्सिडी।
सड़क कर और पंजीकरण शुल्क माफ।
उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान जैसे राज्य भी अलग-अलग छूट और रियायतें दे रहे हैं।
सब्सिडी का लाभ कैसे लें?
स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
1. FAME-II के अंतर्गत रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक वाहन ही पात्र होंगे।
2. ऐसे वाहन डीलर से खरीदें जो FAME-II में सूचीबद्ध हो।
3. खरीद के समय ही सब्सिडी का लाभ मूल्य से घटकर मिल जाता है।
4. वाहन की कीमत में सरकार द्वारा निर्धारित राशि पहले से समायोजित रहती हैं।
5. कुछ राज्यों में सब्सिडी सीधे ग्राहक के बैंक अकाउंट में भी ट्रांसफर की जाती है।
ऑनलाइन आवेदन (यदि राज्य सरकार की वेबसाइट पर लागू हो)
राज्य ईवी पोर्टल पर लॉगिन करें।
आवश्यक दस्तावेज़ जैसे – आधार कार्ड, वाहन पंजीकरण, बैटरी डिटेल्स, चालान आदि अपलोड करें।
बैंक डिटेल्स दर्ज करें।
सत्यापन के बाद सब्सिडी की राशि खाते में ट्रांसफर होती है।
कौन-कौन से वाहन सब्सिडी के पात्र हैं?
वाहन निर्माता मॉडल सब्सिडी
Ather Energy 450X ₹22,500 तक
Ola Electric S1, S1 Pro ₹20,000 से अधिक
TVS iQube ₹15,000 – ₹25,000
Bajaj Chetak ₹15,000 – ₹20,000
Hero Electric Photon, Optima ₹10,000+
सब्सिडी राशि अलग-अलग राज्यों और मॉडल पर निर्भर करती है।
EV सब्सिडी के लाभ
1. कम लागत: वाहन की कीमत कम हो जाती है।
2. पर्यावरण संरक्षण: इलेक्ट्रिक वाहन कार्बन उत्सर्जन नहीं करते, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आती है।
3. ईंधन पर बचत: पेट्रोल-डीजल की तुलना में बिजली सस्ती है, जिससे मासिक खर्च कम होता है।
4. सरकारी लाभ: रोड टैक्स, रजिस्ट्रेशन फीस में छूट, और कभी-कभी फ्री पार्किंग जैसी सुविधाएं।
चुनौतियां और सुझाव
सरकार द्वारा प्रयास जारी हैं, फिर भी कुछ प्रमुख
1. चार्जिंग स्टेशन की कमी: अभी भी देश में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है।
2. बैटरी की कीमत: EVs की कीमत का बड़ा हिस्सा बैटरी में जाता है।
3. टेक्नोलॉजी की समझ: ग्रामीण इलाकों में लोगों में EV के बारे में जानकारी की कमी है।
चार्जिंग स्टेशन बढ़ाए जाएं।
लोकल बैटरी निर्माण को बढ़ावा दिया जाए।
डीलर और खरीदार दोनों के लिए EV जागरूकता अभियान चलाए जाएं।