Apar I’d: यूपी में शिक्षकों के लिए ‘अपार’ उलझन, अपार आईडी की राह में कमियां बेशुमार

Apar I’d: यूपी में शिक्षकों के लिए ‘अपार’ उलझन, अपार आईडी की राह में कमियां बेशुमार

‎ बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने को लेकर की जा रही सख्ती पर कमियां भारी पड़ रही हैं।हालत यह है कि अभी तक लगभग 49 फीसदी छात्रों की ही आईडी बनी है। क्योंकि आधार और स्कूल में नामांकन के नाम में अंतर समेत कई कमियां हैं। इसे दुरुस्त कराने के लिए विभाग की ओर से पहल शुरू कर दी गई है।

‎शिक्षा मंत्रालय की पहल पर प्रदेश में बेसिक व माध्यमिक के सरकारी व निजी विद्यालयों के सभी छात्रों की अपार आईडी बनाने की कार्यवाही चल रही है। राज्य परियोजना‎ निदेशालय की ओर से छह फरवरी को जारी डाटा के अनुसार सत्र 2024-25 में प्रदेश के 262784 बेसिक व माध्यमिक स्कूलों में कुल नामांकन 3.92 करोड़ है। इसके सापेक्ष लगभग दो करोड़ विद्यार्थियों की अपार आईडी जनरेट हुई है। जबकि अभी भी 51.03 फीसदी की आईडी नहीं बनी है।

Primary Ka Master
Primary Ka Master

‎इसके अनुसार अपार आईडी सर्वाधिक विलंबित (पेंडेंसी) 73.36 फीसदी कानपुर नगर, 63.57 फीसदी आगरा, 62.71 फीसदी मुरादाबाद, 62.30 फीसदी मेरठ, 62.16 फीसदी गाजीपुर,

‎61.45 फीसदी बलिया, 60.49 फीसदी आजमगढ़, 60.33 फीसदी फिरोजाबाद, 60.04 फीसदी कन्नौज में है। वहीं पीलीभीत, चित्रकूट, बहराइच, महोबा, हमीरपुर, सीतापुर, ललितपुर की स्थिति बेहतर है।

‎शिक्षकों ने बताया कि अपार आईडी न बन पाने की सबसे बड़ी समस्या आधार तो है ही। इसके साथ ही यू-डायस पोर्टल पर डाटा अपडेट न होने, आधार और स्कूल में दर्ज जन्मतिथि में अंतर, जन्म प्रमाणपत्र व आधार बनने में आ रही दिक्कतें भारी पड़ रही है।

‎वहीं जब शिक्षकों का वेतन रोका जाने लगा तो कुछ शिक्षकों ने आधार में लिखी जन्मतिथि से आईडी बना दी। जबकि स्कूल के रिकॉर्ड में जन्मतिथि कुछ और है। इससे बच्चों को आगे दिक्कत हो सकती है।

‎सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी बलरामपुर की स्थिति बेहतर

‎बलरामपुर की स्थिति काफी बेहतर है। बहराइच में 34.19 फीसदी, सीतापुर में 36.60 फीसदी, बाराबंकी में 38.87 फीसदी, बलरामपुर में 40.21 फीसदी ही पेंडेंसी है।

‎अपार आईडी बनाने में व्यावहारिक दिक्कतें हैं, इसे दूर कराया जाए। साफ्टवेयर में जो दिक्कतें हैं, उसे दूर किया जाए। आधार की जन्मतिथि आधिकारिक नहीं मानी जाती है। किंतु उसे अनिवार्य किया गया है। यू-डायस पर भी नाम आदि के संशोधन का अधिकार प्रधानाचार्य को दिया जाए। डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

‎आधार और यू-डायस में संशोधन के अधिकार केंद्रीय मंत्रालय से जुड़े हैं। अपार बनाने में आ रही दिक्कतों की जानकारी शिक्षा मंत्रालय को दी जा रही है। सरकारी विद्यालयों में 80 फीसदी तक आईडी बन गई हैं, निजी की प्रगति धीमी है। इसे भी बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं।

– कंचन वर्मा, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा

Leave a Comment

WhatsApp Group Join