1.43 लाख शिक्षामित्रों को 9वीं दीवाली पर भी मानदेय वृद्धि का तोहफा क्यों नहीं मिला? क्या मानदेय वृद्धि में कैबिनेट की मंजूरी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद भी सरकार आदेश जारी क्यों नहीं कर पा रही
उत्तर प्रदेश के करीब 1.43 लाख शिक्षामित्रों को 9वीं दीवाली पर भी मानदेय वृद्धि का तोहफा क्यों नहीं मिला? 😥 क्या मानदेय वृद्धि में कैबिनेट की मंजूरी और शासनादेश जारी न होना ही सबसे बड़ी रुकावट है? इस वीडियो में जानिए कि कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद भी सरकार आदेश जारी क्यों नहीं कर पा रही है, और अब आगे क्या हो सकता है!
पूरा मामला क्या है?
शिक्षामित्रों को पिछले कई वर्षों से ₹10,000 के मानदेय पर काम करना पड़ रहा है, जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। हाल ही में सरकार ने मानदेय बढ़ाने का आश्वासन दिया, कमेटी का गठन हुआ और रिपोर्ट भी आ गई, लेकिन फिर भी शासनादेश (Government Order) जारी नहीं हुआ है।
असली वजह: मानदेय वृद्धि में देरी के पीछे की असल वजह क्या है? क्या यह सिर्फ वित्तीय बोझ है या कैबिनेट की प्रक्रिया में फंसा है मामला?
दिवाली खाली हाथ: लगातार 9वीं दीवाली पर शिक्षामित्रों के सामने आर्थिक संकट है। यह देरी उनके भविष्य पर कैसे असर डाल रही है?
कोर्ट का रुख: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मानदेय वृद्धि को लेकर क्या कड़ा रुख अपनाया है और सरकार को क्या निर्देश दिए हैं?
इस वीडियो में आपको क्या मिलेगा:
✅ मानदेय वृद्धि न होने की आधिकारिक और संभावित वजहों का विश्लेषण।
✅ शासनादेश जारी होने में होने वाली देरी के पीछे की प्रशासनिक प्रक्रिया।
✅ सरकार के अगले कदम और मानदेय वृद्धि की संभावित नई दरें।
✅ शिक्षामित्र नेताओं के हालिया बयान और संघर्ष की रणनीति।
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